यीशु कैसा दोस्त प्यारा, दुःख और बोझ उठाने को
क्या ही उम्दा वक्त हमारा, बाप के पास अब जाने को
आह ! हम राहत अक्सर खोते, नाहक गम उठाते हैं
यह ही बाइस है यकीनन, बाप के पास न जाते हैं
गरचि इम्तिहान हो सामने, या तकलीफ, मुसीबत हो
तब दिलेर और शाद तुम होके, बाप को जाके खबर दो
कौन और ऐसा दोस्त है लायक, खोवेगा जो दुखों को
पर एक है जो रखता खबर, जाके बाप से सब कहो
क्या तुम्हारा हाल पुर-दर्द है, क्या तुम बोझ से दबे हो
यीशु है हमारा हम-दर्द, जाके उस को खबर दो
दोस्त जब छोड़े और सतावें, बाप से तुम बयान करो
तब वह गोद में तुमको लेके, खोवेगा सब दुःख को
No comments:
Post a Comment