Friday, February 14, 2025

Upkar Ki Bhete Apni (उपकार की भेंटें अपनी)

 उपकार की भेंटें अपनी

प्रभु को चढ़ाना है

जो भी हमारा प्रभु का सारा
जिसका उसको देना है
भण्डारी हम प्रभु के जग में
दसवाँ ही लौटाना है
प्रभु को चढ़ाना है

ख्रीस्त प्रभु ने स्वर्ग को त्यागा
हमको प्रेम दिखाना है
हिस्सा दो प्रभु को, जो कुछ हो
निज भेंटें भी लाना है
प्रभु को चढ़ाना है

ईश्वर की है कृपा भारी
हमको धन्य मनाना है
सारा जीवन दे दो प्रभु को
तब आशीषें पाना है
प्रभु को चढ़ाना है

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