तेरा हूं ऐ रब्ब, सुनता तेरी बात
जो बताती तेरा प्यार
मैं ईमान के साथ आता तेरे पास
तेरा ही हूं तलबगार
रख तू मुझ को, मुझ को ऐ मसीह
जहां चश्मा क्रूस से है खास्स
रख तू मुझ को, मुझ को
मुझ को ऐ मसीह
अपने जख्मी पहलू पास
मुझ को पाक कर अब, कि मैं तेरा काम
करूं दिल से ठीक ओ खूब
तेरी मर्जी पाक मुझ से पूरी हो
मेरी मर्जी हो मगलूब
कैसी राहत खास्स
दिल को मिलती है
जब में जाता पाक हुजूर
जब में दुआ में आता तेरे पास
तब तू करता है मसरूर
तेरा मीठा प्यार और भी जानूंगा
जब मैं जाऊंगा आसमान
जब मैं देखूगा तेरे चिहरे को
तब खुश होगी मेरी जान
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