Sunday, February 16, 2025

Yeshu Rakh Saleeb Ke Pass (यीशु रख सलीब के पास)

 

Chorus :

क्रूस पर खास, क्रूस पर खास, होगी मेरी नज़र;

जब तक मेरी रूह खुश हो जावेगी आसमान पर।

 

Verse 1:

यीशु रख सलीब के पास, चश्मा जहाँ बहता;

मिलता मुफ़्त जो सभों को, कलवरी से निकलता।

 

Verse 2:

क्रूस पर खास मै गुनहगार, प्यार को देख खुश हुआ;

वहाँ दुःख मुसीबत में, मेरा मुंजी मुआ।

 

Verse 3:

क्रूस के पास बर्रे खास, देखूँ तेरे दर्द को;

चलूँ जब मैं रोज़ रोज़, पनाह ख़ास सलीब हो।

 

Verse 4:

क्रूस के पास मै ठहरूँगा, इस उम्मेद को रखके;

कि सुनहरे वतन में, पहुँचूँगा इस धार से।

No comments: