ऐ गुनहगार, ऐ गुनहगार,
क्यों
गाफिल सोता है ।
अब जाग कि तेरा
मददगार,
योशु
बुलाता है ।
में
मानता हूं, में जानता
हूँं,
कि यीशु मुंजी है;
और उसके साथ, हां
उसके
हाथ,
आसमान
की कुंजी है ।
ऐ गुनहगार, बेकस, लाचार
दिन
गुजरा जाता है,
अब हो नजात का
तलबगार,
यीशु
बुलाता है ।
ऐ गुनहगार अब हो बेदार
क्यों
दुःख में रहता है
?
अगरचि
तू है खताकार,
यीशु
बुलाता है ।
ऐ गुनहगार, ऐ बे-करार,
क्यों
मरना चाहता है ?
बे-शक्क गो तू
है गुनहगार,
यीशु
बुलाता हे ।
ऐ गुनहगार, क्यों है बेजार ?
तू क्यों शरमाता है ?
देख
कैसा यह अजीब पियार
!
योशु
बुलाता है ।
ऐ गुनहगार, हो ताबेदार,
क्यों
फ़ज़ल खोता है ?
अब देख, यह फिर
एक पिछलीबार
योशु
बुलाता है ।
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